भारत सरकार, भारत सरकार का स्वच्छ बनावै के खातिर स्वच्छ भारत मिशन जइसे कइयौ कार्यक्रम चलावत हवै,पै चित्रकूट जिला के पहाड़ी कस्बा मा पन्द्रह हजार के आबादी मा सार्वजनिक शौचालय नहीं बना आय, तौ खुले मा शौच करै के आदत से छुटकारा देवावै का सरकार का सपना कसत पूर होइ। मेहरियन के सुविधा के खातिर शौचालय बनब बहुतै जरूरी हवै।
सरयू प्रसाद का कहब हवै कि हिंया न सार्वजनिक शौचालय बनें आहीं, न गरीबन के घरन मा शौचालय बने आहीं। खेतन मा गल्ला खड़ा हवै, तौ मड़ई भगावत हवै। बरसात मा बहुतै समस्या होत हवै।
मुन्नी बताइस कि मेहरियन का पेशाब अउर शौच जायें मा बहुतै परेशानी होत हवैं। मनसवा हिंया हुंवा चले जात हवैं, पै मेहरियन का जघा नहीं मिलत आय।
राजू सविता का कहब हवै कि हिंया अइत-जइत हवै तौ शौचालय न होय के कारन शहर के बाहर जाए का पड़त हवै। सरकार अउर नगर पालिका विभाग का शौचालय बनावै के बारें मा सोचा चाही।
संतोष बताइस कि पेशाब करै खातिर हम एक किलोमीटर दूरी ताला मा जइत हवै। दुकान छोड़ के जायें मा परेशानी होत हवै।
प्रधान प्रतिनिधी विजय बहादुर का कहब हवै कि चौराहा मा कत्तौ जघा नहीं आय। 2016 से स्ट्रीमेट बनके तैयार हवै, थाने के लगे कुछ जघा हवै तौ वहिमा शौचालय बन सकत हवै, मार्च तक बन जई।
रिपोर्टर- नाजनी रिजवी