बुंदेलखंड के प्राथमिक अउर जूनियर स्कूलन मा मिडडे मिल का खाना का लइके बहुतै बुरा हाल है। स्कूल मा बनै वाले खाना मा कत्तौ गुनवत्ता नही रहत आय। यहिसे स्कूलन के बच्चन का खाना खाये का अपने घर जाये का परत है। एक तौ मिडडे मिल मा दाल पानी के जइसे बनवाई जात है। अब या बात सउहे आवत है कि सरकार तौ मिडडे मिल बनवावै खातिर हर साल खूबै बजट देत है फ़ेर काहे का स्कूलन मा मिडडे मिल का खाना गुणवत्ता वाला नही बनत आय। स्कूलन के मास्टर कइती से खाना के गुनवत्ता का ध्यान काहे नही दीन जात है?
स्कूलन मा खाना बनै का जउन रुपिया आवत है वा कहां जात है? आखिर या बात के जवाबदेही कउन देइ? यहिके खातिर जरुरी है कि स्कूलन के मास्टर बच्चन के खाना के गुनवत्ता का ध्यान दे के जरुरत हैं। तबहिने या मिडडे मिल के समस्या खतम होइ सकत है। मिडडे मिल के गुणवत्ता क देखै खातिर बेसिक शिक्षा विभाग वालेन का यहिके खातिर स्कूलन मा निगरानी रखै के जरुरत है। तबहिने स्कूलन मा मिडडेमिल के समस्या खत्म होइ सकत है।
खाना मा नही आय गुनवत्ता
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