जिला बांदा ब्लाक महुआ गांव बण्डे। “हेंया के रानी कहिस कि मोर शादी पांच साल पहिले मनसवा केदार नाथ के साथै भे रही है। मोर ससुराल कुलकुम्हारी गांव (जिला बांदा, ब्लाक बड़ोखर खुर्द) आय। मनसवा दारू पीके मारपीट करत रहै। पचास हजार रूपिया के मांग करत रहा है। मोर बाप महतारी गरीब हैं। यतना रूपिया कहां पावैं। यहिसे एक साल होइगे बांदा कचहरी से अदालत मा खाना खर्चा का मुकदमा लगाये हौं। एक साल से हर महीना तारीखैं परत हैं। तारीख मा आवैं खातिर तीस रूपिया किराया खर्च लगा के आवैं का परत है।”
मनसवा केदार नाथ का कहब है-“मैं यहिका रूपिया न देहूँ यहिका हिस्सा लें का होय तौ मोरे साथै आ के रहै। मैं रानी का मुकदमा वापस लें का कहत हौं तौं नहीं राजी होत आय।”
वकील अजीत का कहब है-“रानी का मुकदमा अबै पैरोकारी मा चलत है। फैसला खातिर एक साल लाग जई यहिके बाद फैसला होई।”
खाना खर्चा का लगाइस मुकदमा
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