फैजाबाद अउर अम्बेडकर नगर मा खाद कै दिक्कत बढि़गै बाय। यहि समिति से वहि समिति दउरै का परत बाय। भारत कृषि प्रधान देष माना जाथै। लकिन किसानन का हर फसल के मौसम मा खाद के ताई दिक्कत झेलै का पराथै।
किसानन कै कहब बाय कि उनका सोसाइटी पै लाइन लगाय के खड़ा रहै का पराथै। फिर भी नम्बर नाय आवत। अगर नम्बर अउबौ कराथै तौ खाद खतम होय जाथै। यहि समय धानए गन्ना मा खाद डारब बहुत जरूरी होइगा बाय। तौ खादौ के ताई दिक्कत बढि़गै बाय। हर फसल मा किसानन का खाद पानी के ताई परेषानी झेलै का पराथै। जवन थोर बहुत खाद समितियन पै आवाथै उहौ सब किसानन का पूरा नाय परत। खाद बिना खेती भी पिछर जाथै। जेसे यही उत्पादन नाय होय पावत। जेकरे पास पैसा रहाथै उ प्राइवेट दुकान से मंहगे दाम मा खाद खरीद लियाथै। बहुत मारा.मारी रहाथै। खाद अउबौ करे तौ पतै नाय चलत।
अगर यही तरह हर फसल के ताई किसानन का झेलै का परे तौ कचन मेर फसल होयेघ् कउनौ तरह पानी बीज कै इन्तजाम कइके खेती कराथै लकिन खाद बिना मार जाथै। का षासन.प्रशासन के पास यकै कउनौ हल नाय बाय। हलांकि शासन.प्रशासन कै कहब बाय कि समितियन पै प्रयाप्त मात्रा मा रसायनिक खाद भेजा जात बाय। जहां नया पहुंचा बाय जल्दी पहुंचाय जाये। जेसे किसानन का प्रर्याप्त उर्वरक मिल सके।