उत्तर प्रदेश के चित्रकूट अउर बांदा जिला मा अगर ए.टी.एम. के बात कीन जाये तौ उनके का हालत हवै। या बात कउनौ से छिपी नहीं आय।
बांदा अउर चित्रकूट जिला मा इनतान के कइयौ ए.टी.एम. हवै। जेहिके या तौ बटन खराब हवैं। या फेर ए.टी.एम. मा रुपिया नहीं रहत आय। यहिसे आम जनता ए.टी.एम. से रुपिया निकारै खातिर कइयौ जघा घूमत फिरत रही जात हवै, पै ए.टी.एम. जवाब दइ देत हवैं। जनता कइयौ चक्कर बैंक के लगा के अउर रुपिया खर्चा कइके आपन ए.टी.एम बनवावत हवै। यहिसे अगर ए.टी.एम. से रुपिया नहीं निकरत तौ मड़ई का समय के बर्बादी होत हवै।
अब या बात सउहें आवत हवै कि का उंई खराब या फेर जउन ए.टी.एम.मा रुपिया नहीं रहत हवै। वहिका सुधरावैं अउर रुपिया समय समय मा ए.टी.एम. मा डरवावा जाये तौ जनता का येत्ती समस्यन से न जूझै का परै। पहिले तौ सरकार जनता खातिर हरतान के व्यवस्था खूबै करैं के काशिश करत हवै। यहिके बाद वा दुबारा से आपन कीन गे व्यवस्था का दुबारा से पलट के कत्तौं काहे नहीं देखत हवै। यहिके खातिर जरुरी बनत हवै कि सरकार वहिसे जुड़े करमचारिन अउर अधिकारिन से जवाबदेही काहे नहीं लीन जात हवै। अगर यहिनतान रही तौ ए.टी.एम. से जुड़ी समस्या भी होइ सकत हवै कि भविष्य मा हमेशा बनी रही सकत हवै? दूसर बात बैंक के करमचारिन,अधिकारिन का भी इं समस्या का खतम करै के काशिश् करै के जरुरत हव?