खराब सड़कन का सुधारब पी.डब्लू.डी. के जिम्मेदारी नहीं तौ केहिके आय? विभाग आपन सउहें बजट न होय के बात कहिके सड़क न सुधार पावैं के मजबूरी बतावत है। आखिरकार बजट भी पास करावैं का काम पी.डब्लू.डी. ही करत है।
हम बात करैं चाहित हैं लगभग नब्बे किलोमीटर बांदा से राजापुर जाय वाली सड़क के बारे मा। दसन साल पहिले के बनी या सड़क का हाल बहुतै बुरा है। पूरी सड़क उखड़ गे है। पूरे सड़क मा गिट्टा अउर धूल नजर आवत हैं। यहिका बनवावै खातिर विभाग कहत है कि बजट निहाय। अगर बात कीन जाए तौ बांदा से चिल्ला अउर बांदा से इलाहाबाद सड़क के तौ यहै हाल रहा है।
आखिरकार सड़क तौ बनी ही, जबै कि चिल्ला वाली सड़क पांच साल के भीतर कइयौ दरकी बिगडी बनी है। कहैं का मतलब कि बजट तौ पास ही भा है तबै तौ सड़क बनी हैं, पै कमासिन सड़क काहे नहीं बनैं? यहै हाल करतल अउर कालिंजर सड़क का भी है। इं सड़कन का बनब बहुतै जरूरी है।
सड़क बनवावैं खातिर विभाग के सउहें बजट न होय के मजबूरी है, पै जनता से किराया के वसूली करब अउर व किराया से टैक्स भरब परिवहन विभाग आपन बहुतै जरूरी जिम्मेदारी समझत है। चाहे भले ही जनता का खराब सड़क अउर खराब सड़क के कारन खचाड़ा रोडवेज बसन मा काहे न सफर करैं का परै। या मजबूरी अउर जिम्मेदारी का कसत मेल है जेहिमा जनता का अहित अउर सरकार का हित है। जबै कि सरकार जोर शोर से कहत है कि सरकार जनता के हित मा काम करत है।
खराब सड़क सुधारब केहिके जिम्मेदारी?
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