खबर लहरिया की जड़ें बुंदेलखंड में हैं। यह ऐसा इलाका है जहां के लोग न्यूनतम साक्षरता दर, न्यूनतम लिंग अनुपात, लिंग और जाति आधारित हिंसा, बदतर स्वास्थ्य व्यवस्था और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं । औरतों की स्थिति के लिहाज से बहुत निचले पायेदान पर स्थित इस इलाके में महिलाओं को बतौर पत्रकार के रूप में पहचान दिलाने का काम भी खबर लहरिया कर रहा है ।