जिला बांदा। बालू माफिया से परेशान बांदा ज़िले के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने 27 जनवरी 2014 से अनशन शुरू कर डी. आई. जी. को सौंपा ज्ञापन।
बांदा जिलें में तीन नदियां हैं केन, यमुना और बागै। किसानों के अनुसार इनसे लंबे समय से बालू का अवैध खनन हो रहा है। ट्रकों और ट्रैक्टरों द्वारा बालू ले जाने के रास्तों में पड़ने वाले खेतों की फसलों को नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा किसानों की शिकायत है कि खेतों से जबरन बालू निकालने का काम भी हो रहा है। माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर बांदा के तिंदवारी गांव खप्टिहा कला और बड़ोखर खुर्द ब्लाक के कनवारा गांव के किसानों ने धरना शुरू किया है।
खप्टिहा कला गांव के किसान आशाराम, जर्नादनसिंह, शिवपूजनसिंह, अंगदसिंह, हरनाथसिंह और विजय बहादुर ने बताया कि गाटा संख्या 2995, 2995 क, 2996,2997, 2291, 2292, 508 में सड़क बनने से रोकने के लिए 16 जनवरी 2014 को बांदा कोर्ट से स्टे लग गया। 5 फरवरी 2014 को अंतिम सुनवाई को कहा गया। लेकिन बालू माफिया सड़क बनाने में सफल हो गए हैं। अब यहां से बालू भरे ट्रक निकलते हैं।
एस. पी. अरविंद सेन का कहना है कि यह सब ज़मीनी मामला है। ऐसे मामले पुलिस नहीं लेखपाल और खनिज विभाग निपटाता है। अगर लेखपाल और खनिज विभाग जांच करके बता दें कि यह अवैध खनन है तो पुलिस कार्यवाई करेगी। खनिज विभाग के अधिकारी अरविंद कुमार का कहना है कि मेरी बात राजस्व विभाग से हो गई है कि पट्टों की जांच करें।
खनन माफिया के खिलाफ अनशन
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