जिला झांसी, शहर झांसी। झांसी कि रानी के जैसी आजादी मिलबे तो हम भी अपने भविष्य के और अपने देश के बारे में सोच सके और कछु कर सके। लेकिन एसी आजादी कोऊ को नईया। इते कि रेबे बाली ओरतन को केबो हे के घर में शांति बनी रेबे बोई तो सबसे बड़ी आजादी हे हमाय लाने तो। काय के आज कल घर में ही आदमी ओरतन को एसे दबात के बे तो अपने हक के बारे में कछु बोल पाती। अब तो हर आदमी जानत के हम आजाद हे लेकिन ओरतन को आजादी नईया। लेकिन केबल जा एक कहानी बन के रे गयी। मुस्कान बनो ने बताई के हमें तो आजादी से काम करबो अच्छो लगत जैसे हम सिलाई सीखबे जात पढबे जात तो कोनऊ रोक टोक नईया हमाय लाने और हमे अच्छो भी लगत और हम जोई सोचत के हर कोऊ को मिलबे आजादी सब पढबे लिखबे और जोन काम में रूचि होबे सो बो करबे। जेसे सिलाई में कड़ाई,बुनाई सब में। रेखा ने बताई के हर आदमी के लाने हर जगा पे आजादी मिलबो जरुरी हे और हमाय घर बालेन से कोई परेशानी नईया और हम जो सोचत तो घर वाले बा काम में हमाई मदद करत और अब हमाई तो जो इच्छा हे कि हम अपने बच्चन के लाने सब कर जाये उने एसे मुकाम पे पोचाबे के बे भी एक दिना हमाओ नाम रोशन करबे और एक मिशाल कायम करे। लली ने बताई के सब काम में आजादी मिलत अब तो हम समूह चलात बामे ओरतन को बुलात उने पढात लिखात और उनके अधिकारन के बारे में समझात और अब जो हमाय समूह में काम करती बे सब सबसे बोलबो बात करबो और बैंक से रुपईया निकारबो जमा करबो सब सिख गयी प्रीति ने बताई के अब तो सब को आजादी मिल रई दस प्रितिशत आदमी अबे भी अपनी घर कि मोडीयन को नई पढात लिखात नईया।
रिपोर्टर- लाली
12/08/2016 को प्रकाशित
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