भाजपा सरकार ने पिछले साल जल्दबाजी में जिस तरह नोटबंदी का आदेश दिया उसी तरह इस साल भी जीएसटी लागू कर सरकार ने जनता को सकते में डाल दिया है। जीएसटी क्या है और क्यों है? इसका पता अभी तक सरकार के मंत्रियों को भी नहीं है। ऐसे में जीएसटी का लागू होना आम जनता और व्यापारियों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है। भाजपा सरकार ने पिछले साल जल्दबाजी में जिस तरह नोटबंदी का आदेश दिया उसी तरह इस साल भी जीएसटी लागू कर सरकार ने जनता को सकते में डाल दिया है। जीएसटी क्या है और क्यों है? इसका पता अभी तक सरकार के मंत्रियों को भी नहीं है। ऐसे में जीएसटी का लागू होना आम जनता और व्यापारियों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है। खबर लहरिया ने बुंदेलखंड के जिलों में छोटे-बड़े व्यापारियों से जीएसटी के बारे में उनकी राय जाननी चाही। बुंदेलखंड के ज्यादातर व्यापारियों को तो इसका मतलब भी नहीं पता। व्यापारियों का कहना है कि जिस तरह से सरकार ने बिना सोचे-समझे और पूर्व तैयारी के नोटबंदी की उसी तरह से भी बिना व्यापारियों के बारे में सोचे सरकार ने जीएसटी लागू कर दिया। हम सभी भ्रम में हैं, हमें नहीं पता ये क्या बला है। हालांकि कुछ व्यापारी जीएसटी का विरोध भी करते हुए मिले। उनका कहना था कि इससे बाजार में इंस्पेक्टर राज लागू हो जाएगा और अगर वो भूलवश कोई गलती करते है तो उन्हें उसका खामयाजा भुगतना पड़ेगा। इसके साथ ही व्यापारियों को कई तरह के नुकसान उठाने पड़ेंगे। लेकिन जब उनसे इसके लागू होने के बाद के वाजिब नुकसान के बारे में पूछा गया तो वो नहीं बता पाएं। लोगों और व्यापारियों से अलग, बाँदा के सेल्सटैक्स अधिकारी संजय कुमार कुशवाह का कहना कुछ और ही है। वह बताते हैं कि पिछले तीन साल से, जब से यह बिल संसद में पास हुआ तभी से इसकी योजना बनायीं जा रही थी। इसलिए यह कहना गलत है कि यह जल्दबाजी में लागू किया गया है। उन्होंने आगे कहा, हमने इसकी जानकारी लोगों तक पहुँचाने के लिए कई रोड शो किये हैं और सेमिनार आयोजित भी किये हैं। आगे भी इस तरह के आयोजन किये जाते रहेंगे। यही नहीं हमारे रजिस्टर्ड डीलर लगातार लोगों के बीच पहुँच कर यह बता रहे है कि कैसे जीएसटी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना है और इस नए टैक्स में परिवर्तित होना है। हमने बताया हुआ है कि 30 लाख से ऊपर तक का लाभ कमा रहे व्यापारियों को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है।
रिपोर्टर- खबर लहरिया ब्यूरो
Published on Jul 17, 2017