नवजात शिशु को जन्म से ही सही देखभाल की आवश्यकता होती है। नवजात के लिए जन्म का पहला मिनट, पहला घंटा एवं पहला सप्ताह बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। गर्भवती महिलाओं को सभी ज़रूरी सेवाएं उपलब्ध कराने की कोशिश होनी चाहिए।
‘सेव द चिल्ड्रेन’ संस्था से जुड़ी डाक्टर रिंकू श्रीवास्तव ने नवजात की सुरक्षा के लिए कुछ नियम बताए।
– नवजात को हमेशा लपेट कर या अपनी छाती कि त्वचा से लगाकर रखें ताकि उसका शरीर गर्म रहे। बच्चे का सिर एवं शरीर कपडे़ से ढका रहे।
– बच्चे को प्रसव के एक घंटे के अंदर मां का दूध पिलाना चाहिए। मां का पहला दूध शिशु को बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है।
– शिशु को सिर्फ मां का दूध ही दें। घुट्टी, पानी आदि देने से शिशु को संक्रमण होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
– शिशु को छूने से पहले हाथ साबुन व पानी से धोने चाहिए। अगर परिवार में किसी को टीबी, खांसी या बुखार है तो शिशु को उससे दूर रखें।
– शिशु का टीकाकरण अवश्य कराएं।
– शिशु को काजल न लगाएं। नाल पर भी कुछ न लगाएं।
– नीचे लिखी गई किसी भी स्तिथि में शिशु को तुरंत जांच के लिए निकट के अस्पताल ले जाएं –
1. शिशु स्तनपान नहीं कर रहा है
2. शिशु को उलटी और दस्त हो रहे हों
3. शिशु को झटके आ रहे हांे
4. शिशु का रंग गाढ़ा पीला, नीला या सफेद पड़ जाए
5. शिशु को सांस लेने में दिक्कत हो रही हो या सांस बहुत तेज़ चल रही हो
6. शिशु की नाल पक गई हो और उसमें से खून या मवाद आ रहा हो
7. शिशु के शरीर में छाले या दाने हों
यह जानकारी ‘सेव द चिल्ड्रेन’ संस्था द्वारा दी गई है। यह संस्था 1919 में स्थापित की गई थी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकासशील देशों में बच्चों के मृत्यु दर को कम करने, भुखमरी और बीमारियों से उनके बचाव और उनके अधिकारों के लिए काम करती आ रही है।