जिला बांदा, कस्बा बांदा, वाल्मीकी बस्ती मा रहैं वाले गंदगी अउर बरसात मा नाला का पानी भरैं से परेशानी झेलैं का मजबूर हैं। मड़इ्र नगर पालिका मा भी कइयौ दरकी सफाई करवावैं खातिर कहिन,पै नगर पालिका वाले उनके कउनौ सुनवाई नहीं करत आहीं।
रोशनी का कहब है कि बरसात मा इनतान पानी भर जात है कि निकरब मुश्किल होइ जात है। मंदिर के लगे पानी भर जाये के कारन मड़ई पूजा करैं खातिर नहीं जा पवात है। हमरे बस्ती मा सफाई का नाम तक नहीं आय। अगर हमका घर से बाहर जाये का होत है तो हम खुदै अपने से सफाई करित हन। नहीं तौ दिन भर घर के भीतर घुसे रहित हन। विभाग वाले या सेाचत हैं कि वाल्मीकी जाति के हैं यहिसे सफाई करावैं के का जरुरत है। काहे हम भी तौ मड़ई आहिन दलित जाति के आहिन तौ का भा।
कमला कहत है कि गंदगी होय के कारन बदबू आवत है। यहिसंे अपने दुआरे मा बइठ तक नहीं पाइत हन। बरसाम मा नाला भर जात है तौ घरन के भीतर गंदा पानी घुस आवत है। गंदे पानी का अपने हाथ से उलीच के फंकै का परत है।
सुशीला कहिस कि बारिस मा पूरे शहर का पानी बहि के आवत है। यहिसे नाला फुल चलत है। बांदा नगर पालिका मा या समस्या का लइके बात करैं खाातिर कइयौ चक्कर लगायगें,पै विभाग वाले यहिके बारे मा बात करै से मना कइ दिहिन। यहिसे बात नहीं भे आय।
रोशनी का कहब है कि बरसात मा इनतान पानी भर जात है कि निकरब मुश्किल होइ जात है। मंदिर के लगे पानी भर जाये के कारन मड़ई पूजा करैं खातिर नहीं जा पवात है। हमरे बस्ती मा सफाई का नाम तक नहीं आय। अगर हमका घर से बाहर जाये का होत है तो हम खुदै अपने से सफाई करित हन। नहीं तौ दिन भर घर के भीतर घुसे रहित हन। विभाग वाले या सेाचत हैं कि वाल्मीकी जाति के हैं यहिसे सफाई करावैं के का जरुरत है। काहे हम भी तौ मड़ई आहिन दलित जाति के आहिन तौ का भा।
कमला कहत है कि गंदगी होय के कारन बदबू आवत है। यहिसंे अपने दुआरे मा बइठ तक नहीं पाइत हन। बरसाम मा नाला भर जात है तौ घरन के भीतर गंदा पानी घुस आवत है। गंदे पानी का अपने हाथ से उलीच के फंकै का परत है।
सुशीला कहिस कि बारिस मा पूरे शहर का पानी बहि के आवत है। यहिसे नाला फुल चलत है। बांदा नगर पालिका मा या समस्या का लइके बात करैं खाातिर कइयौ चक्कर लगायगें,पै विभाग वाले यहिके बारे मा बात करै से मना कइ दिहिन। यहिसे बात नहीं भे आय।
Published on Jul 11, 2016
कौन करेगा वाल्मीकि बस्ती की सफाई?
बाँदा शहर की वाल्मीकि बस्ती में नाले से आफत