कोशिश करिहौं कि पात्र का ही लाभ मिलै। या बात बांदा जिला के डी.एम. सत्येन्द्र कुमार सिंह कहिन। खबर लहरिया पत्रकार बांदा जिला के समस्यन का लइके डी.एम. से सवाल करिन। सवाल के बाद जवाब का सिलसिला कुछ इनतान रहा-
सवाल-ओला अउर बेमौसम बारिश से भे रबी के फसल के नुकसान का मुआवजा, का आपके हिसाब से ठीक है?जवाब-सरकारी हिसाब से असिंचित खेती का मुआवजा पैंतालिस सौ रूपिया अउर सिंचित खेती का नौ हजार रूपिया प्रति हेक्टेयर है। यतना रूपिया बहुतै ही कम है। जबै कि किसानन का जेतना खेती का नुकसान है। वा हिसाब से मुआवजा मिलैं का चाही।
सवाल-तहसील दिवस मा आई समस्यन मा बहुतै कम कारवाही होत है। मड़इन का आपन समस्यन का लइके तहसील दिवस मा कइयौ दरकी काहे आवैं का परत है?
जवाब-4 मार्च 2014 का नरैनी के तहसील दिवस मा मैं खुद गये रहौं। हैण्डपम्प के समस्यन का छोड़ के बाकी सबै समस्यन का निदान मौके मा होइगा रहै। कुछ इनतान के समस्या होत हैं जिनमा कारवाही करैं मा देर लागत है।
सवाल-सरकारी योजना तौ बहुतै हैं, पै सुचारू रूप से चलै नहीं पावत आय। इं योजनन का सही इस्तेमाल करवावैं मा आप का ठोस कारवाही करिहैं?
जवाब-मोर कोशिश होई कि सरकारी योजना का लाभ पात्र मड़इन का मिल सकै। अगर कउनौ शिकाइत मिली तौ कारवाही भी कीन जई।
सवाल-चुनाव के व्यवस्था अउर पूर्ण मतदान खातिर आप के खास रणनीति का है?
जवाब-या दरकी के चुनाव मा बहुतै कड़ा शासन रही। या भी कि लड़ाई दंगा न होई। मड़ई आपन इच्छा से आजादी के साथै पूर्ण मतदान करी।