भीमा कोरेगांव हिंसा में हिंदुवादी नेता मिलिंद एकबोटे के खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। मिलिंद एकबोटे पर आरोप है कि उन्होंने 1 जनवरी को भीमा–कोरेगांव युद्ध की 200वीं बरसी के कार्यक्रम के दौरान पुणे के पास के गांव में लोगों को हिंसा के लिए भड़काया था।
वह दूसरे ऐसे हिंदूवादी नेता हैं जिनके खिलाफ भीमा–कोरेगांव हिंसा मामले में मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले शंभाजी भिड़े के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
शंभाजी भिड़े के बारे में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमारे पास पुख्ता सबूत हैं जिसके बाद हमे एकबोटे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट हासिल करने में सफलता मिली है, वहीं दूसरे संदिग्ध भीड़े के खिलाफ जांच जारी है।
एक अंग्रेजी अख़बार को अधिकारी ने बताया कि एकबोटे अभी फरार हैं, पिछले महीने हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, साथ ही कई लोग इस हिंसा में घायल हो गए थे।
बता दें कि एकबोटे और भिड़े के खिलाफ दलित समाजसेवी ने पिंपरी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की थी। जिसके बाद इस मामले को पुणे ग्रामीण पुलिस के पास भेजा गया था।
इस मामले में अनीता रविंद्र साल्वे ने शिकायत दर्ज कराई थी, जोकि बहुजन रिपब्लिकन सोशलिस्ट पार्टी की सदस्य हैं। उन्होंने दावा किया है कि उन्होंने भिड़े और एकबोटे को हिंसा की जगह पर देखा था। एकबोटे ने कोर्ट से अग्रिम जमानत लेने की कोशिश की है लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली है।