कोयंबटूर के 25 साल के करूप्पूस्वामी इंसानियत के लिए अपने पास कुछ न होते हुए भी लोगों की मदद कर रहे हैं। करूप्पूस्वामी बेहद गरीब परिवार से हैं। आज भी उनके लिए दो वक़्त की रोटी कमाना बेहद मुश्किल है। लेकिन फिर भी वह गर्भवती महिलाओं और बच्चे को निशुल्क सवारी कराते हैं। कोयंबटूर के 25 साल के करूप्पूस्वामी इंसानियत के लिए अपने पास कुछ न होते हुए भी लोगों की मदद कर रहे हैं। करू्पूस्वामी बेहद गरीब परिवार से हैं। आज भी उनके लिए दो वक़्त की रोटी कमाना बेहद मुश्किल है। लेकिन फिर भी वह गर्भवती महिलाओं और बच्चे को निशुल्क सवारी कराते हैं। अपने सपनों को और भी ऊंची उड़ान देने के लिए उन्होंने सेकेंड हैंड ऑटो रिक्शा खरीद लिया। उनका कहना है कि इससे बढ़कर और बड़ा तोहफा क्या हो सकता है कि ऐसे किसी बेसहारा की मदद कर सकूं। एक गरीब परिवार से होने के बाद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करके दिखाई। पढ़ाई पूरी करना उनका सपना था। सरकारी स्कॉलरशिप की मदद से उन्होंने अपनी तमिल साहित्य की डिग्री पूरी की। पैसे की कमी के कारण वह एमफिल पूरा नहीं कर सके। जिंदगी को बेहतर तरह से जीने के लिए उन्होंने दूसरा जरिया चुना। एक बार उनके पास नौकरी का ऑफर भी आया लेकिन उन्होंने उसे नहीं लिया। अपनी इस अनोखी मदद से वह तमिलनाडु के हीरो बन गए हैं। अब तो एक तरह से यह उनकी पहचान भी बन गई है। सूत्रों के अनुसार, वह कोयंबटूर के अलावा इंटरनेट के हीरो बन गए हैं। लोकल ट्रैफिक गार्ड भी उन्हें बखूबी पहचानते हैं। इसके अलावा वह स्थानीय प्रशासन के बीच भी खूब पहचाने जाते हैं।