जिला सीतामढ़ी, प्रखण्ड रीगा पंचायत गांव सिराही। उहां वार्ड नम्बर चैदह के मीना देवी लगभग दसों साल से विधवा छथिन। जे पैर से विकलांग भी छथिन। लेकिन उनका कोई पेंसन न मिलई छई।
मीना देवी कहलथिन कि हमर बेटा पेट मे रहे जहिये पति बिमारी के कारण मर गेलथिन। हमरा पास चार बच्चा दु लड़का दु लड़की हई। मजदूरी कके बाल बच्चा के पालई ले, पैर से विकलांग रहे के कारण भारी भरकम काम न होईय। एकेगों बेटी के षादी चंदा लगा के कइली। विकलांग सर्टिफिकेट बनबैले छी। ओईमें तीस प्रतिशत अंक देले हई। जेई कारण विकलांग पेंसन न मिलई छई। न विधवे पेंसन मिलई छई।
पंचायत सचिव नागेन्द्र बैठा कहलथिन कि विकलांग पेंसन के लेल चालीस प्रतिसत अंक चाहि। ओकरा स्कोर बढ़ावे के लेल फेर से आवेदन देवे के होतई।
प्रखण्ड विकास पदाधिकारी कामनी देवी कहलथिन कि विधवा पेंसन मिल सकई छई लेकिन विकलांग पेंसन न मिल सकई छई।
ईत रहई छई। ओकरो त परेशानीये हई।
इहां के प्रधानाध्यापक रामानंद चैधरी कहलथिन कि हम गुरू गोस्टी में कहले रही लेकिन लिखित आवेदन कही न देले छी। अब जल्दीय बनवा के देबई।
प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी रमायण हाजरे कहलथिन कि हमरा पास इ समस्या के बारे में कोई सूचना न हई। लेकिन हम विद्यालय में समस्या के पता लगा रहल छी। तब इ समस्या दूर हो जतई।
कोनो पेंसन न मिलल
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