जिला बांदा, ब्लाक नरैनी, गांव मूड़ी। या गांव का भुरा बर्मा कोटेदार अउर लेखपाल के ऊपर आरोप लगवत कहिस कि 1 मई का बंटैं वाले सूखा राहत किट कके पकेट मोरे औरत के घर मा न रहै से नहीं मिला आय। लेखपाल कहत रहै कि औरत का ही मिली। जब कि इनतान का कउनौ नियम निहाय। यहिके दरखास भी मै 3 मई का तहसील मा दीन हौ।
भूरा का कहब है कि मोर औरत मइके चली गे रहै। घर मा मोर लड़की अउर मैं रहन। जबै राहत किट के पाकेट बंटैं लाग तौ लड़की ले गे। कोटेदार वहिका दपका के भगा दिहिस कहत रहै कि महतारी का भेज तबै मिली। जब कि मोर अन्त्योदय का राशन कार्ड बना आय। या मारे मैं तहसील मा दरखास दइके राशन के मांग कीन हौं।
रानी के भाई शिवधनी का कहब है कि मोर बहिनी विधवा है। वा मइके मा रही के जिन्दगी काटिस है। वहिका अन्त्योदय कार्ड बना रहै। वा बीमार होय के कारन किट लें नहीं ज पाई हम गे हन तौ कोटेदार भगा दिहिस है। लेखपाल किशोर साहू का कहब है कि सब का किट दीन गा है। जेहिके नाम लिस्ट मा न रहे होइहैं। उई छूट हैं।
सप्लाई इस्पेटर याकूब का कहब है कि किट सब का दीन जात है। इनतान का कउनौ नियम निहाय कि घर के कउनौ दुसरे सदस्य का न दीन जई।
रिपोर्टर – गीता
कोटेदार गरीबन के हक मा डारत डाका
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