जिला बांदा, ब्लाक महुआ, गांव बंडे। हेंया तीस साल से बराबर चन्द्र भवन सिंह कोटेदार का काम करत है। गांव के मड़इन का हर महीना चीनी अउर मिट्टी के तेल नहीं देत हैं।
गांव का जंगू अउर राम कुमार बतावत है कि हमरे पास सफेद राशन कार्ड है। एक राशन कार्ड मा तीन लीटर तेल अउर तीन किलो चीनी मिलै का चाही, पै हमरे गांव का कोटेदार हर महीना दुई लीटर तेल कतौ डेढ़ किलो चीनी देत है। अगर कतौ शिकाइत करत , हन तौ रूपिया के बल से बहाल होई जात है।
लक्षमिनिया अउर तुलसा कहत है कि बैसाख के महीना से कार्तिक महीना तक के एकौ शक्कर नहीं दिहिस आय। दुई दिन गल्ला बांटत है। वहिमा भी कउनौ तारीख तय निहाय। अगर दुई दिन बाद कउनौ गल्ला ले जाय तौ भगा देत है। जबैकि राशन कार्ड मा हमरे पूरा तेल चीनी चढ़ावत है। कोटेदार चन्द्र भवन कहत है कि मोरे कोटा मा आठ सौ लीटर मिटटी का तेल अउर साढे़ तीन कुन्तल चीनी आवत है। एक राशन कार्ड मा दुई लीटर तेल अउर सात सौ ग्राम चीनी देत हौं। गांव मा ए.पी.एल. राशन कार्ड 400 सौ बी.पी.एल. 80 अउर अन्त्योदय 44 हैं।
कोटेदार करत घपला
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