कोच्ची मेट्रो देश का पहला ऐसा मेट्रो है जिसमें 21 ट्रांसजेंडर या किन्नर लोगों को नौकरी दी गई। लेकिन मेट्रो शुरू होने के एक हफ्ते बाद ही इनमें से 10 किन्नरों ने नौकरी छोड़ दी।
इन किन्नरों का कहना है कि इन्हें काम के हिसाब से तन्ख्वाह नहीं मिल रही है जिससे उनका गुजारा नहीं हो पा रहा है। आस पास रहन सहन ढूँढने में उन्हें बहुत सारी दिक्कतें आ रही थी।
दरअसल, पूरी बात ये है कि कई सारे घर किराए के लिए उपलब्ध हैं, लेकिन मकान मालिक किन्नरों को देने के लिए तैयार नहीं हैं। इस भेद-भाव ने उन्हें नौकरी छोड़ने पर मजबूर कर दिया था, ऐसा उनका कहना है।
किनारों के प्रति हमारी सामाजिक सोच काफी भद्दी है, दुःख की बात है कि बदलाव की ओर जो एक कदम उठाया गया कोच्ची में, वो भी रद्द हो गया।