ऑस्ट्रेलिया में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में वाराणसी के दादुपुर गाँव की पूनम यादव ने वेटलिफ्टिंग में भारत को स्वर्ण पदक दिला कर अपने गाँव ही नहीं बल्कि देश का नाम भी बढ़ाया है। जब पूनम गाँव लौटी तो गाँववालों ने उनका धूम–धाम से स्वागत किया।
इस बारे में पूनम ने बताया कि मेरे फाइनल में आने पर मुझे उम्मीद नहीं थी कि मैं स्वर्ण पदक ले आउंगी लेकिन वो क्या था शयद गुरु जी की कृपा थी जो मेरा गोल्ड हो गया। ये मेरे माता–पिता का भी आशीर्वाद है जो मैं आज गोल्ड ले कर आई हूँ। हमारी फेडरेशन भी अच्छी है जो हमारा पूरा साथ देती है और हमारे कोच भी बहुत अच्छे हैं। लेकिन यहाँ कुछ संसाधनों की कमी है। जब हम कुछ बन जाते हैं कोई पदक ले आते हैं तब इन्हें ध्यान आता है कि संसाधन देने चाहिये। अगर यही वो पहले दें तो हम और अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। मैं सभी खिलाड़ियों को कहना चाहती हूँ कि पैसा जीवन में कुछ भी नहीं है। बस जूनून, होंसला और हिम्मत बनाये रखे और अपना काम करें जीत आपकी जरुर होगी।
पूनम के पिता कैलाश यादव ने कहा कि मुझे मेरी बेटी पर गर्व है। वो शुरू से ही मेहनती है। बहुत संघर्ष से उसने आज ये मुकाम पाया है। एक वो भी समय था जब पैसे और अच्छा खाना भी नहीं होता था लेकिन पूनम ने सहस और मेहनत से अपना रास्ता बना ही लिया।
पूनम की टीचर, फातिमा ने कहा कि मुझे आज बहुत गर्व महसूस हो रहा है कि पूनम को मैंने पढ़ाया है। इससे ज्यादा ख़ुशी और क्या हो सकती है कि हमारी पढ़ाई हुई लड़की का पूरे देश में नाम हो रहा है। हम बहुत खुश हैं।
इसी स्कूल की छात्रा आरा सिंह ने कहा, हम भी उनकी तरह बनना चाहते हैं। वो आज हमारी प्रेरणा हैं। उनको देख कर हर लड़की सीखती हैं और हमेशा सीखेगी। वो बनारस जैसी छोटी सी जगह से निकल कर देश–विदेश में नाम कमा रही हैं। ये बहुत गर्व की बात है।
पूनम यादव की होने वाली सास किरण यादव भी अपीन बहु को लेकर बहुत खुश हैं और वो मेरी बेटी है और हमेशा बेटी बनके ही रहेगी।
रिपोर्टर – अनामिका
Published on Apr 16, 2018