जिला बाराबंकी, ब्लांक हैदरगढ़, गांव नोपुर पत्तल जवन कि हर शादी विवाह मुंडन पार्टी मा जाथै जेहमा सब खाना खाथिन।का आपका पता बाय कि ई पत्तल कहाँ से अउर कैसे आवाथै।अउर आप सब तक कैसे पहुंचा थै।यकरे बारे मा जाना जाय हैदरगढ़ ब्लाक के नोपुर गांव के मनई से।
शिवमगन दोना बनावै वाले कै कहब बाय कि एक दिन मा दुई सौ पत्तल बनाय ली थी।तीन महीना पहले सागौन कै अउर ढेकुला कै पाता तूर के लाई थी अउर सुखाय के फिर शर्दी के मौसम मा दोना कै आकार दीन जाथै फिर कहूँ जाय के चालिस रुपया कै सौ पत्तल बिकाथै।
कल्पना दोना बनावै वाली कै कहब बाय कि हमार पुश्तैनी काम आय। आजा बाबा बनावत रहिन।चन्दन दोना बनावै वाले कै कहब बाय कि दस किलो मीटर दूर से पाता तूरके लाईथी।दुई चार महीना पहिले नीम कै सींका बीन के रखा जाथै। सीका से ही पत्तल बना थै।इहै हमरे सबके कमाई कै जरिया आय।
रामवती अउर सुशीला देवी कै कहब बाय कि गेद्हरा के मुंडन, शादी विवाह भंडारा, ब्रम्ह भोज जैसे काम मा पत्तल खरीद के लै जाथिन।जाड़ा के दिन मा कम बिक्री हुआ थै। गर्मी मा ज्यादा काम भी होय जाथै अउर बिक्री भी बढ़िया हुआथै।
रिपोर्टर- नसरीन अउर फिज़ा
03/01/2017 को प्रकाशित