नोटबंदी का दर्द अभी गया भी नहीं था कि एक बार फिर पैसों की किल्लत होने लगी है। देश के आठ राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, तेलंगाना, झारखंड, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में नकदी की समस्या शुरू हुई। वित्त मंत्रालय के अनुसार इसका कारण तीन महीनें में नकदी की मांग अचानक बढना है।
इस बारे में जमीनी हकीकत जानने के लिए खबर लहरिया भी चित्रकूट, फ़ैजाबाद और वाराणसी पहुंचा और जनता से कैशलेस एटीएम का हाल पूछा।
चित्रकूट के अनिल कुमार ने बताया कि मैंने पूरे कर्वी के चक्कर लगा लिए हैं कहीं कुछ नहीं मिला, अब क्या करें समझ नही आता है। चार घंटे से लाइन भी लगे रहे लेकिन हाथ कुछ नहीं आया।
नकदी संकट का कारण दो हजार के नोटों का वापस बैंकिंग व्यवस्था में नहीं आना है। साथ ही ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि कर्नाटक चुनावों के लिए राजनीतिक दल दो हजार के नोट जमा कर रहे हैं।
फ़ैजाबाद से रिपोर्टर कुमकुम ने बताया कि स्थानीय निवासी राजेश भी पैसा न मिलने से परेशान हैं उन्होंने बताया कि पिछले चार दिनों से वो पैसे के लिए बैंकों में चक्कर काट रहे हैं, एक तो एटीएम में पैसा नहीं है ऊपर से बैंक भी पैसा नहीं दे पा रही है।
श्रीकांत त्रिपाठी के घर में शादी है और अब उनके पास पैसे नहीं हैं। कई दिनों से पैसों के लिए यहाँ वहां भटक रहे हैं।
वहीँ, बनारस की रिपोर्टर अनामिका ने बताया कि यहाँ ग्रामीण इलाकों में कहीं पैसा नहीं है इसलिए लोग शहर आ कर एटीएम से पैसा ले जा रहे हैं। मुश्किल ये है कि शहर में भी लाइन लगानी पड़ रही हैं। यहाँ भी एटीएम खाली है।
हालाँकि सरकार द्वारा नकदी संकट को खत्म करने के लिए पांच सौ के नोटों की छपाई पांच गुना बढाई जा चुकी है। लेकिन जमीनी स्तर पर अभी भी कोई राहत नहीं दिख रही है।
रिपोर्टर- नाजनी, कुमकुम यादव और अनामिका
Published on Apr 18, 2018