आखिर केहिसे मड़इ शिकायत करै? सरकार तौ हाथ मा हाथ धरे बइठ हवै। भ्रष्टाचारी खुले आम मड़इन का लूटै मा लाग हवै। चित्रकूट जिला मा या समय बहुतै झोलाछाप डाक्टर मड़इन के जान ले मा लाग हवैं। वा सरकार उनके ऊपर कउनौ कारवाही नहीं करत आय? एक कइती सरकार कहत हवै कि मड़इन का सरकारी इलाज खातिर सेत मा या सुविधा दीन जात हवै तौ फेर वा सुविधा कहाँ हवै? काहे से मड़इ झोलाछाप डाक्टर के लगे जाय का मजबूर हवै। पहाड़ी ब्लाक के कइयौ मरीज मड़इ बताइन कि सरकारी अस्पताल मा बाजार के दवाई लिख देत हवैं, अस्पताल तौ कतो कतौ बंद रहत हवैं। यहै से हम पंचे प्राइवेट डाक्टर का देखाइत हन कम से कम ऊई हमार सुन तौ लेत हवैं। सरकारी अस्पताल मा तौ चक्कर लगावैं का परत हवै। चाहे जान काहे ना निकर जाये। का करी हम गरीब तौ हरतान से हन मार खइत हन। झोलाछाप डाक्टरन के दवाई भी फायदा तौ नहीं होत बस रुपिया जरुर लाग जात हवै। आखिर कब तक हम सरकारी अउर झोलाछाप डाक्टरन के मार झेलत रहिबे? सरकार इनतान के झोलाछाप डाक्टरन के ऊपर काहे नहीं कारवाही करत आय? काहे का इनतजार सरकार करत हवै?