पूरे केरल में भारी बारिश हो रही है। राज्य के 14 में से 12 जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। मध्य केरल के कई इलाकों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह ठप हो चुका है। दक्षिण रेलवे और कोच्चि मेट्रो ने गुरुवार को अपनी सेवाएं फिलहाल स्थगित कर दीं।
इस दौरान इडुक्की, मुल्लापेरियार और इडमलयार समेत 35 बांधों के गेट खोलने से कई इलाके जलमग्न हो गए। पेरियार नदी का जलस्तर बढ़ने से कोच्चि पर खासा असर हुआ है। यहां के कई इलाकों में पानी भर गया। ॉ
उधर, 8 अगस्त से अब तक राज्य में बारिश, भूस्खलन और बाढ़ के चलते 77 लोगों की मौत हो गई। मॉनसून शुरू होने से अब तक राज्य में 71 इंच बारिश हो चुकी है।
मुन्नार में 82 पर्यटक बाढ़ और भूस्खलन के चलते बस में फंस गए। उधर, मलमपुझा के वलियाकडु गांव में सेना ने 35 फीट लंबा ब्रिज बनाकर 100 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया।
एनडीआरएफ और नौसेना की टीमें भी राहत और बचाव का कार्य कर रही हैं। भारतीय नौसेना ने बताया कि उनकी 21 टीमें अलग-अलग इलाकों में काम कर रही हैं।
केरल के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। अधिकांश बाधों के गेट खोले गए। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बर्बाद हो चुके हैं। लोगों को साफ पीने का पानी मुहैया कराना सरकार की प्राथमिकता है। बारिश अगले 4 दिन तक जारी रहेगी, इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है।
राज्य में पिछले 24 घंटों में 38.11 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि मॉनसून शुरू होने से अब तक राज्य में 1806.64 मिली मीटर (71 इंच) बारिश हो चुकी है। आपदा प्रबंधन नियंत्रण केंद्र के सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि सरकार ने 768 राहत शिविर लगाए हैं, जहां बुधवार देर तक 22115 परिवारों के 85,398 लोगों को ठहराया गया।