केरल में बाढ़ के बीच जब कुछ लोग धर्म और मांस खाए जाने को लेकर विवाद बढ़ा रहे है वहीं सांप्रदायिक सद्भावना का एक बेहतरीन उदाहरण देखने को मिला है। केरल की मस्जिद जब बाढ़ के पानी में डूब गई, तब बकरीद की नमाज के लिए पास के ही एक मंदिर के दरवाजे मुसलमानों के लिए खोल दिए गए।
माला के पास ईरावतूर में पुरुपिलिकव रक्तेश्वरी मंदिर के अधिकारियों ने मंदिर से जुड़े एक हॉल ईद-अल-अजहा की नमाज के लिए खोल दिया, क्योंकि पास के कोचुकाडव महल मस्जिद में पानी भरा हुआ था।
बताया जा रहा है कि श्री नारायण धर्म परिपाल योग (एसएनडीपी) द्वारा प्रबंधित मंदिर पहले से ही केरल में बाढ़ राहत शिविर के रूप में काम कर रहा है। जिसके लिए लोगों ने आस-पास के घरों से नमाज के लिए मैट इकट्ठा किए और अन्य सारी व्यवस्थाएं की। जिसके बाद करीब 300 लोगों ने मंदिर में नमाज पढ़ी।
बता दें, ईरावतूर त्रिशूर जिले के सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित स्थानों में से एक है जहां राहत शिविरों और आसपास के घरों में 3000 से ज्यादा लोग रह रहे हैं। यहां तीन राहत शिविर बनाए गए हैं।
मंदिर के हॉल में ईद की नमाज का नेतृत्व जसीर दरिमी ने किया। इस दौरान बाढ़ प्रभावित के लिए विशेष प्रार्थना भी की गई।