केरल की स्कूली छात्राओं को अब अपने बालों में दोनों तरफ चोटी करने की जरूरत नहीं होगी। दरअसल, राज्य के कासरगोड जिले के एक स्कूल की छात्रा ने इस बारे में राज्य बाल अधिकार आयोग के पास याचिका दायर की थी जिसके बाद ऐसा निर्णय लिया गया।
यह याचिका जिले के चीमनी हायर सेकेंडरी स्कूल की बारहवीं की छात्रा पी.एस अलशा ने दायर की थी। याचिका में उसने कहा था कि स्कूल के दौरान बाल गूंथकर दोनों तरह चोटी करने के अनिवार्य फैसले के कई नुकसान हो रहे हैं। एक तरफ जहाँ इससे लड़कियों के बालों को नुकसान पहुँच रहा है वहीं चोटी गूंथने में काफी वक्त जाया होता है। इसके अलावा कई बार इस काम में उन्हें अपने माता-पिता की मदद की भी जरूरत होती है और इससे कामकाजी महिलाओं को काफी दिक्कत भी होती है।
बाल अधिकार आयोग की अध्यक्ष शोभा कोशी और अन्य सदस्यों ने इस याचिका पर संज्ञान लिया और शिक्षा सहायक, हायरसेकण्ड्री शिक्षा के निर्देशक को आदेश दिया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि छात्राओं को दोनों तरफ चोटी करने के बाध्य नहीं किया जाए।
बताते चले कि केरल के करीब सभी स्कूलों में यह यूनिफार्म का हिस्सा है कि छात्राओं को दो चोटी करके उन्हें रिबन से बांधना होगा।