केंद्र सरकार ने हज यात्रा पर दी जाने वाली राजसहायता खत्म कर दी है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने 16 जनवरी को घोषणा करते हुए कहा कि यह फैसला तुष्टीकरण के बगैर अल्पसंख्यकों को सशक्त करने के उसके लक्ष्य का एक हिस्सा है। बताया जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से 1.75 लाख हज यात्री प्रभावित होंगे। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि हज राजसहायता के फंड को मुस्लिम लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा उपलब्ध कराने पर खर्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजसहायता का फायदा दलालों उठा रहे थे इसलिए हज राजसहायता बंद कर दी गई है। गरीब मुस्लिमों के लिए अलग व्यवस्था की जाएगी। गौरतलब है कि 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में हज राजसहायता को धीर-धीरे 2022 तक खत्म करने को कहा था। इसके बाद ही हज राजसहायता वापस लेने की नीति तैयार की गई। खर्च बढ़ने के बाद सरकार अब हवाई मार्ग के साथ यात्रियों को समुद्र मार्ग का भी विकल्प देगी।