जिला डिंडोरी और मंडला, मध्य प्रदेश। यहां रहने वाले बैगा आदिवासी समुदाय के लोग पीपल के पेड़ की नई पत्तियों का स्वादिष्ट साग बनाते हैं। मार्च महीने के अंत में पीपल के पेड़ पर नई पत्तियां लगती हैं जो हल्के गुलाबी रंग की होती हैं। ये पत्तियां लगने के बाद सिर्फ पंद्रह दिन के लिए मुलायम रहती हैं जब इनका साग बनाया जा सकता है।
बैगा समुदाय की लमटीबाई ने बताया कि पत्तियों को धोकर उबाल लेते हैं। पानी छानकर इन पत्तियों में इमली या छाछ डालें और थोड़ा पानी डालकर पकाएं। थोड़ा नमक और मिर्च डालकर तब तक पकाएं जब तक पानी सूख ना जाए। तैयार है साग।
पीपल के पत्तों को सेहत के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है। गर्मियों में पीपल की पत्तियां शरीर को भी ठंडा करती हैं। पेड़ की छाल, पत्तियां, फल और यहां तक कि उसकी जड़ें भी औषधियों में काम आती हैं।
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