जिला महोबा ब्लाॅक चरखारी गांव गोरखा। एते की सुखदेवी कहत हे पच्चीस साल की शादी होंय के बाद भी आदमी धरमपाल के सुख नई जाने हे। आज भी आदमी मारपीट करत हे। जीसे परेशान हे की आपन समस्या कीसे बताये।
सुखदेवी कहत हे की पच्चीस साल पेहले शादी भई हती। जीसे ससुराल मे एकऊ दिन सुख से नई रेह पाई हों। पेहले आदमी कम दहेज ओर बच्चा न होंय के कारन मारपीट करत हतो, बच्चा होय के बाद मोई एकऊ बात नई मानत हे। आदमी धरमपाल ने मार दओ हतो। जीसे हाथ टूट गओ हतो। छोटी बिटिया की तबियत खराब हती। जीखे इलाज के लाने कहो तो नई सुनो। जीसे बिटिया की मोत हो गई हे। लड़का बोल नई पाउत हे। एक दिन मेने आदमी धर्मपाल से कहो की मोई बात नई सुनत हे। इलाज न कराये के कारन बिटिया मर गई हे, तो मोये साथे लात घूसा से मारपीट करी हे। मोई मताई बाप भी मजदूरी कर पेट पालत हें। मोये पास इत्तो रूपइया नइयां की मे कोर्ट के चक्कर लगा सको। थाना मे जाये तो ओते भी रूपइया मांगत हें। एई से मेने कहूं कछू नई करो हे।
आदमी धरमपाल से बात करी तो ऊने कहो की जा हमाये घर को मामला हे। थोई-थोई बातन मे हर घर मे होत हे। में कोनऊ काम करें खा कहत हो तो सुखदेवी नई सुनत हे, जीसे मारदेत हे। ओर कोनऊ मामला नइयां।
रिपोर्टर – सरोज सैनी