गांव के भीतर अउर बहिरे जाय के राही पै भरत पानी जेसे आवै जाय मा हुवत दिक्कत।
आत्माराम, सोनू, रामशंकर बताइन कि जवन रास्ता शारदा के घर शुरु भै बाय अउर करिया यादव के घर के लगे खत्म भै बाय। अगर केहू बाहर की तरफ जाय चाहै तौ पूरा खडन्जा बहुत नीचे बाय पानी पोंगा तक भरा बाय आवै जाय मा बहुतै दिक्कत हुआ थै। गांव कै मनई बताइन कि राममूर्ति आपन भैंस बांधाथिन। वहिंकी जाय नाय मिलत। बोले पै उनकै मेहरारु मुहल्ला वाले से लड़ाथ्ंन।
राकेश प्रजापति बताइन कि अबहीं तक जेतना प्रधान हइन खाली मिट्टी पटाय दियाथिन खडन्जा नाय लगुवउतिन। खाली जब जेठ बैशाख कै दिन आये तौ एक बार माटी डरवाय देइहै अउर बरसात मा देखइव तक नाय अउतिन जबकि पांचवी प्रधानी चलत बाय। यहि गांव मा एक्कौ काम ढ़ग से नाय भै बाय। लड़ाथ्ंन।
प्रधान धनपति बताइन कि हम लगभग आठ महीना पहिले सात ट्राली माटी गिरवाये रहेन तौ सब माटी से रघुनाथ तिवारी आपन दुवार पाटि लिहिन। अउर रामनाथ प्रजापति के दुकान के लगे वाला जब पी.डब्लू.डी कै सड़क बने तौ वही के साथे बने।
कीचड़ से भरा बाय गांव
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