जिला बांदा, ब्लाक कमासिन, गांव नारायणपुर। हेंया के एक टैªक्टर किसान 9 जून का ओलावृष्टि के मुआवजा खातिर बबेरू तहसील मा प्रदर्शन करिन। तहसीलदार लालाराम पन्द्रह दिन बाद मुआवजा दें का भरोसा दिहिन है।
रामपाल का कहब ‘मोरे पास चार बिगहा खेती है। पूरे मा गेहूं बोवा रहै जउन ओला परैं से सड़ गे है।’ रामपाल के चार बिगहा अउर मिर्ची के छह बिगहा खेती है। इनकर कहब है -“हम चना अउर अरहर पूरी खेती मा बोये ाहन जउन एक दाना नहीं मिला आय। भुखमरी के कगार मा हन। पिछले साल दस कुन्तल गेहूं अउर पांच कुन्तल चना अरहर मिल गे रहै।
रामनाथ अउर रामसिंह कहिन कि तीन चार महीना होइगे फसल बरबादी के मुआवजा का लेखपाल चेक नहीं बनाइस आय। चेक बनावै खातिर पांच-पांच सौ रूपिया मांगत है। यहै मारे हम पचास साठ जने मिल के तहसील मा एस.डी.एम. का दरखास दें आये हन।
लेखपाल रामेश्वर कहत है कि जउन किसान मुआवजा पावैं से छूट गे हैं उनका भी नियम के हिसाब (सिचिंत खेती का नौ हजार अउर असिचिंत का चार हजार पांच सौ रूपिया) से दीन जई। चेक बनावैं मा रूपिया ले का आरोप झूठा है।
तहसीलदार लालाराम कहत है कि पन्द्रह दिन तक मा बजट आवै वाला है तौ मुआवजा दीन जई। अबै बजट खतम होइगा है।