राष्ट्रीय किसान महासंघ ने ऐलान किया है कि किसान 1 जून से 10 जून तक हड़ताल पर जाएंगे। देश भर के किसान हड़ताल में शामिल रहेंगे। इस बीच अनाज, सब्जी, दूध सहित किसानों से जुड़ी खाद्य वस्तुएं सप्लाई नहीं की जाएंगी।
इस महासंघ से 110 किसान संगठन जुड़े हुए है। किसान महासंघ का कहना है कि केंद्र सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। इसके विरोध में हड़ताल की जा रही है।
अगर ऐसा हुआ तो ये पहला मौका होगा जब किसान इस तरह की हड़ताल करेंगे। अगर ऐसा हुआ तो लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
भाजपा के पूर्व मंत्री यशवंत सिंहा समेत समूह के नेताओं ने कहा कि राष्ट्रव्यापी भारत बंद एक जून से 10 जून को अपराह्न दो बजे तक चलेगा।
उन्होंने कहा कि ‘इस बीच किसान अनाजों, सब्जियों और दूध जैसे उत्पादों को गांवों से शहरों में भेजना बंद कर देंगे।’ उन्होंने कहा कि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का वादा किया था जो कि उत्पादन लागत से 50 प्रतिशत अधिक था, लेकिन किसानों को अभी तक उच्च कीमतें नहीं मिलीं। मध्य प्रदेश के किसान नेता शिव कुमार ने कहा कि एमएसपी जमीन की लागत सहित उत्पादन की पूरी लागत का 1।5 गुना हो।