ऐसी गिनीचुनी ग्रामीण महिलाएं होंगी जिनके नाम ज़मीन है। लेकिन खेती-किसानी के कामों में महिलाओं की भागीदारी और उनकी क्षमता कम नहीं हैं।
जिला फैज़ाबाद, गांव विजेनपुर सजहरा की कुछ विधवा औरतें खेतों में काम करती हैं। खेत अपने हों या दूसरों के, खुद काम करके अपने परिवारों का पालन पोषण कर रहे हैं।
जिला चित्रकूट, ब्लाक कर्वी, गांव खुटहा की रहने वाली श्यामपति दस साल से बटाई की ज़्ामीन पर खेती किसानी का काम करती हंै। खेती से ही घर का खर्चा चलाती हैं।
‘खेती के साथ-साथ और भी कई काम करना पड़ते हैं। औरतें घर-गृहस्थी से लेकर खेती का काम करती हैं लेकिन उनका नाम नहीं आता है। महिलाओं के बिना समाज अधूरा है महिला हर काम में हाथ न बटाए तो पुरुष अकेले कुछ नहीं कर सकते हैं।’