जिला बांदा, तहसील बबेरू अउर नरैनी। फसल बरबादी के सर्वे रिपोर्ट का लइके किसानन का गुस्सा 7 अप्रैल के तहसील दिवस मा देखैं का मिला। काहे से उनकर आरोप है कि लेखपाल नियम के हिसाब से सर्वे नहीं करिन आय।
कमासिन क्षेत्र के गांव मऊ गांव के किसान मनोज, रामकरन अउर मतगंजन कहिन कि अनाज होय के कारन अरहर के पूरी फसल खेत मा ठाड है। लेखपाल सर्वे भी नहीं करिस आय। कानून गो गामा प्रसाद कहत हैं कि सर्वे सबके खेत का होई। बबेरू ब्लाक के अधांव गांव के बुद्धराज, बिसण्डी गांव के केदार, कुबेर अउर योगेन्द्र भी कहिन कि उनके गांव मा फसल का सर्वे लेखपाल नहीं करिस आय।
बबेरू एस.डी.एम. विनय कुमार पाठक का कहब है कि सर्वे करा के मुआवजा दीन जई।
नरैनी ब्लाक के जबरापुर गांव के किसान जयकरन, रामबदन अउर मइयादीन कहिन कि लेखपालश्किशनलाल एक जघा बइठ के सर्वे के रिपोर्ट बना लिहिस है। या मारे हमैं पता निहाय कि हमरे खेत के नुकसान मा का लिखा गा है। जबैकि खेत जा के फसल का देखैं का चाही ताकि सही फसल नुकसान का अंदाजा लगावा जा सकै। लेखपाल किसानन का ज्यादा मुआवजा मिलैं का लालच दइके पांच सौ से एक हजार रूपिया लइके फसल बदल देत हैं।
लेखपाल किषन लाल कहत है कि मड़ई मोहिका खुद रूपिया दइके आपन फसल बढ़वावैं चाहत रहैं, पै मैं फसल बढ़ावैं से मना कई दीने हौं।
अतर्रा एस.डी.एम. आर.के. श्रीवास्तव का कहब है कि सर्वे पूरा होई चुका है। चेक बनैं अउर बांटैं का काम चलत है।
किसान कहिन – लेखपाल घपलेबाज
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