जिला अम्बेडकर नगर। यहां के गन्ना किसानों को गन्ना पेराई की पर्ची के लिए इंतज़ार करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि एक तो गेहूं की बोआई पिछड़ी जा रही है दूसरे गन्ने को छीलकर रख देने से गन्ने सूखे जा रहे हैं।
कटरिया गांव के गन्ना किसान केशवदास, अकबरपुर के हुकुमचंद्र यादव, रामसबल का कहना है कि 4 दिसंबर से मिल चालू हो गई हैं लेकिन अभी तक गन्ने की पेराई के लिए पर्ची नहीं मिली है। राज प्रताप सिंह का कहना है कि भारतीय किसान यूनियन ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया था। लेकिन उनकी समस्याओं की तरफ ध्यान नहीं दिया गया।
गन्ना मिल प्रबंधक सुधीर सिंह का कहना है कि गन्ने कि पेराई चार महीने होती है। किसानों को किसी खेत में एक बार गन्ना बो देने के बाद उसकी कम से कम तीन फसलें उगानी चाहिए। इससे अच्छी गुणवत्ता वाला गन्ना पैदा होता है। किसान ऐसा नहीं करते हैं, इससे उसमें रस की मात्रा कम होती है, इससे नुकसान गन्ना मिलों को होता है। हर किसान चाहता है कि हमारे गन्ने की पहले तौल हो। कलेण्डर के अनुसार पर्ची काटी जाती है। हर दिन पचहत्तर हजार कुन्तल गन्ना तौल किया जाता है।