इलाहाबाद। बुंदेलखंड में लगातार किसानों की आत्महत्या के मामलों पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। न्यायालय ने कहा कि सूखे और बाढ़ से निपटने के लिए किसानों और दूसरे लोगों के लिए सरकार ने क्या आर्थिक मदद की है। कोर्ट ने 2013-2014 और 2014-2015 में ऐसी स्थिति में लोगों की मदद के लिए पारित हुए बजट का हिसाब मांगा है। बजट में आकाल या सूखे और बाढ़ के समय किसानों को सरकार की तरफ से खाना देने का भी प्रावधान है ताकि यह लोग निराश होकर आत्हत्या जैसा कदम न उठाएं। कोर्ट ने ग्राम स्वराज्य प्रशिक्षण संस्थान नाम की संस्था द्वारा दी गई याचिका के आधार पर यह आदेश जारी किया है।
किसानों की आत्महत्या पर सख्त कोर्ट
अगला लेख