बांदा अउर चित्रकूट जिला। हेंया का किसान तीन साल से बराबर दैवी आपदा अउर सूखा के मार से परेशान है। उनके घरन मा खाय के लाले परे हैं, पै कउनौ तान जोर जबरदस्ती अउर आय दिन धरना प्रदर्शन कइके किसान शासन स्तर से सूखा घोषित करवा लिहिन, पै का या सूखा घेषित के लाभ से उनके परिवार का भरण पोषण होई पाई। सरकार कइत से दीन गे आर्थिक मद्द के लाभ पावैं खातिर भी तहसील कचहरी अउर लेखपालन के सौ चक्कर लगावैं का परत है। यहिके बाद भी सौ मा लगभग 40 प्रतिशत गरीब किसान या मद्द पावैं से छूट जात हैं। उनके खातिर सरकार के दीन गे मद्द ऊंट के मुंह मा जीरा के कहावत जइसे साबित होत है। यहै कारन है कि इं जिलन का 80 प्रतिशत किसान अउर मजदूर गांवन से आपन आपन परिवार लइके रोजी रोटी के तलाश खातिर परदेश भट्ठन अउर दिल्ली मुम्बई कमाय चला गा है। काहे से हेंया बुन्देलखण्ड मा न कउनौ बड़ी कम्पनी अउर फैक्ट्री आय कि काम कई सकैं अउर बारिश न होय से किसानी का काम भी ठप होइगा। जेहिसे कमाई का जरिया होय अउर उंई लोग अपने ही गांव घर अउर इलाकन मा रही के परिवार का पेट पाल सकैं। यहिके खातिर सरकार का कउनौ ठोस कदम उठावैं का चाही। जेहिसे किसान पलायन न कइ सकै।
का होई सूखा घोषित से किसान पलायन का तौ मजबूर
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