पूरे उत्तर प्रदेष माकिशोरीयन के ताई तरह-तरह कै योजना चलाय गै बाय जेसे किषोरी स्वस्थ रहैं। किशोरी स्वास्थ्य योजना एक एैसन उदाहरण आय। एक तरफ नया-नया नियम लगाय केकिशोरीयन का जागरुक करै कै कोषिष कीन जात बाय तौ वहीं दुसरी तरफ किषोरियन तक वकै लाभ नाय पहुंचत बाय। 2011 मा केंद्र स्तर पै किषोरियन के ताई ‘सबला’ योजना षुरु कीन गै लकिन अबहीं तक फैजाबाद अउर अंबेडकरनगर मा यहि योजना का लागू नाय कीन गै बाय।
अम्बेडकरनगर जिला मा कइयौ यइसेन संस्था बाय जवन खास कइके किषोरी स्वास्थ्य पै काम कराथै। फिर भी वहिंके कटेहरी ब्लाक मा किशोरीयन के टीका नाय लागत। न ही कउनौ चीज के बारे मा जानकारी दीन जाए। अगर वहिके ऐ.एन.एम. से बातचीत कीन जाए तौ पता चलाथै कि किषोरियै टीका नाय लगुवउतीं। जिला अस्पताल मा किषोरियन के ताई अलग डाक्टर हुआथिन। षहर कै लड़कियै दिक्कत हुवय पै वहि पहुंच के जानकारी कराथिन। लकिन गंाव स्तर के लड़की या महिला का बिना बताये कैसे पता चलै? अब यहमा आषा अउर ऐ.एन.एम. कै लापरवाही कहा जाए या किषोरियन कै? जब आषा अउर ऐ.एन.एम. का यहि सबकै ट्रेनिंग दीन जाथै तौ काहे नाय जागरुक करा जात? फैजाबाद के जिला अस्पताल मा किषोरी स्वास्थ्य विभाग कै डाॅक्टर पूजा सिंह कै कहब बाय कि उनके विभाग मा जवन बजट आवाथै वसे गांव-गांव जाइके जागरुकता बढ़ाउब संभव नाय बाय। जवन किषोरियन की ताई योजना चलाई गै बाय ऊ उन तक न पहुंचे तौ योजना चलाये कवन फायदा?
काहे हुवत बाय किशोरी स्वास्थ्य के साथे खिलवाड़
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