सरकारी स्कूल मा पानी, बिजली अउर शौचालय के कमी बच्चन के स्वास्थ्य से जुड़ी है। अगर बच्चन के स्वास्थ्य के ऊपर खराब असर परी तौ का उनकर भविष्य बन पाई? फेर भारत देश के एतिहासिक पन्ना मा लिखा ‘बच्चा भारत के भविष्य हैं’ कसत पूरा होई पाई? भविष्य बनावब स्कूल के व्यवस्था के ऊपर है। स्कूल के नींक व्यवस्था करब मास्टरन के जिम्मेदारी है।
अब मास्टर कहैं कि उंई पानी, बिजली अउर शौचालय खातिर विभाग का लिखित दिहिन, पै विभाग कुछौ नहीं करत। अंत मा का आपन समस्या के जिम्मेदार खुद बच्चा ही हैं? अगर एक स्कूल मा इं समस्यन से बच्चन का भविष्य दांव मा लाग हैं तौ सोचै वाली बात है कि बांदा जिला के बहुतै स्कूल हैं जहां इनतान के समस्या से एक नहीं हजारन बच्चा रोज गुजरत हैं।
बांदा जिला, ब्लाक नरैनी, गांव अतर्रा ग्रामीण का मजरा गया प्रसाद का पुरवा। हेंया के सरकारी स्कूल के बच्चा 5 अगस्त 2014 के तहसील दिवस अतर्रा मा पानी बिजली अउर शौचालय के समस्या लइके आय रहैं। आखिर इं बच्चन का तहसील दिवस काहे आवैं का परा? या समस्या मा स्कूल के मास्टर का ध्यान नहीं दई पाइन? का उनका बच्चन के स्वास्थ्य अउर भविष्य से कउनौ मतलब नहीं रहा आय?
सच्चाई तौ या बात के है कि मास्टर चाह के भी आपन विभाग के खिलाफ नहीं जाय चाहत रहैं, पै बच्चन से रहाइस न परी। अब देखैं का या है कि विभाग इं समस्या सुधारैं मा केतनी जिम्मेदारी निभाई?
काहे भटकत है बच्चा का स्वास्थ्य अउर भविष्य
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