फैजाबाद हुवय चाहै अम्बेडकरनगर हर जगह सरकारी अस्पतालन कै स्थिति काफी खराब बाय। मरीजन का समय पै इलाज नाय मिल पावत जेसे कभौं कभौं मनईन कै जान भी चली जाथै।
वइसे तौ सरकारी अस्पतालल मा अलाज फ्री हुवय कै नियम बाय। लकिन ज्यादातर मरीजन का दवाई बाहर सक लियै का पराथै। काहे से की अस्पताल के डाक्टर द्वारा दवाई अउर जांच अल्ट्रासाउड बाहर से लिखी जाथै तौ मजबूरी मा मरीज आपन सूई दवाई बाहर से लियाथिन। जवन जांच अस्पताल मा फ्री मा होय जाए अहै बाहर काफी पैसा लाग जाथै। मरीज आस लइके आवाथिन कि सरकारी अस्पताल मा फ्री मा इलाज होय जाये लकिन हुवा तौ काफी दिक्कत झेलै का पराथै। कभौं-कभौ तौ ई स्थिति आय जाथै कि डाक्टर के न मिलै से मरीज कै जान भी चली जाथै।
बीकापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मा 22 मार्च का शाम लगभग चार बजे एक बूढ़ मेहरारू का समय पै इलाज न मिलै से मउत होइगै। ई हादशा तब भा जब डाक्टर अपने आवास पै मरीज देखै मा व्यस्त रहे। फोन करै के बावजूद काफी देर से डाक्टर आये। ई घरवाले आरोप लगायके हंगामा करिन। ई घटना पहली बार कै न आय। कइयौ घटना यहि प्रकार का सुनै का मिलाथै। जब सरकारी अस्पतालन मा समय पै इलाज नाय मिलत तौ मजबूरन प्राइवेट अस्पताल कै सहारा लियै का पराथै। जहां शायद मुंहमांगा पैसा भी मरीज कै जान बचावै के ताई दियै कस पराथै। यहि तरह सरकारी अस्पतालन मा मरीजन का इधर-उधर भटकै का पराथै।