जिला फैजाबाद, ब्लाक तारुन, गांव कुवरपुर। हिआं के पुनीता कै काम के चक्कर मा पढ़ाई कै सफर रुक गै। जेसे यनकै सपना अधूरा रहिगा।
पुनीता बताइन कि हम कक्षा नौ तक पढ़े हई। हमरे घर कै मनई दुसरे के खेते मा मजदूरी करै चला जात रहे, तौ हमैं घर कै सब काम खाना बनावै चैका बर्तन सब करै का परत रहा। जानवर का चारा पानी सारा काम कइके जाय मा लेट होय जात रहा, तौ स्कूल मा डांट परै। घरे आवै के बाद छुट्टी न मिलै की होमवर्क कै ली। यसे अउर डांट परत रही। हमार भाई पढ़ा थै। हमरौ सपना रहा कि हम पढ़ब-लिखब कुछ बनव लकिन सब अधूरा होइगा। हाईस्कूल कै परीक्षा हुवै का रहा तौ हमार गुरुजी प्रवेश पत्र लइके आय रहे। कहिन बिटिया कल पेपर दियै आयु। जब कइहौ किताब उठावै कै रोजी नाय भै तौ पास कइसे हुवब। फेल होय गयेन। तबसे नाय पढ़ै का मिला। तौ सारा सपना अधूरा रहिगा।
काम के कारण रुका पढ़ाई का सफर
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