जिला वाराणसी, ब्लाक काशी विद्यापीठ, पाण्डेपुर पुर पटेल बस्ती। इ बस्ती के इ मेहरारू तब से कान के बाली बनावत हईन जब से एकर एक दर्जन कान के बाली के मजदूरी एक दर्जन बारह आना रहल। इ मेहरारू के कहब हव कि आज एकर मजदूरी एक दर्जन के डेढ़ रूपिया हो गएल हव।
कान के बाली बनावे वाली मुन्नी देवी के कहब हव कि हमके चार बच्चा हयन। महंगाई एतना ज्यादा हव। कमाए वाला हमरे इहां एक ठे। आउर कउनों हमके नाहीं रहल त हम आपन एही के बनावे लगे। एक दिन में लगभग बारह से तेरह रूपिया के काम कर लेईला। लइकन हयन त उ सब आपन आपन परिवार देखत हयन। हमके कोई देई एही सग सोच के हम आपन काम करीला। कि कइले रहब त आगे हमके सहारा देई। एही से हम आपन काम दू पइसा के काम करल करीला।
कान के बाली बनावत मेहरारू
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