राहुल गांधी ने 2019 के चुनावी संग्राम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस के महाधिवेशन से शुरूआत कर दी है।
राहुल ने महाधिवेशन में बोलते हुए कहा कि कौरवों की तरह भाजपा सत्ता की लड़ाई लड़ने के लिए ही बनी है जबकि सत्य के लिए संघर्ष करना कांग्रेस की बुनियाद है। आज भी कुरूक्षेत्र की तरह देश के सामने यही सवाल है कि उसे झूठ के साथ जीना है या सच्चाई का सामना करना है।
उन्होंने किसानों, युवाओं और आर्थिक विकास की वैकल्पिक रूपरेखा पेश की।
पीएम–भाजपा पर वार करते हुए राहुल ने कहा कि फर्क यह भी है कि कांग्रेस अपनी गलती को कबूल कर सुधार करने के लिए तैयार हो जाती है। मगर भाजपा किसी सूरत में खुद को गलत नहीं मानती और नोटबंदी की चूक इसका उदाहरण है जिसे पूरे विश्व में गलत फैसला बताया गया लेकिन भाजपा यह मानने को तैयार नहीं।
किसानों की खराब हालत, नौकरियों की कमी की वजह से युवाओं में बढ़ रही बेरोजगारी और नोटबंदी–जीएसटी की वजह से कारोबारियों पर पड़े असर का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पूरे देश में यह सवाल पूछा जा रहा कि अच्छे दिन कहां हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम इन सवालों से ध्यान भटकाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक की बात से लेकर इंडिया गेट पर योग करने को कहते हैं।
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी राहुल ने पीएम पर सियासी निशाना साधते हुए कहा कि उनके हमनाम चाहे नीरव मोदी हों या ललित मोदी देश के हजारों करोड़ का घोटाला कर भाग जाते हैं। मगर वित्तमंत्री चुप हैं क्योंकि वे और उनकी बेटी पूंजीपतियों के लिए काम करते हैं।
राहुल ने कहा, पीएम पर तंज कसते हुए कहा कि गुजरात चुनाव के बाद उन्होंने सूट पहनना छोड दिया है और उनके चेहरे पर इसकी झलक दिखती है कि 2019 की जंग में फंस जाएंगे।