बांदा। यहां स्कूलों के शौचालयों की हालत बहुत खराब है।
ब्लाक महुआ, गांव बड़ोखर बुजुर्ग। यहां चार प्राथमिक और दो पूर्व माध्यमिक विद्यालय हैं। छहों विद्यालयों के शौचालय टूटे और गंदे हैं। प्राथमिक विद्यालय की छात्राएं सोनिका और रन्नो बताती हैं कि उनको खुले में शौच जाना पड़ता है।
ब्लाक नरैनी, डढ़वामानपुर का मजरा फतेहगंज। यहां एक ही बाउन्ड्री के अन्दर प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय हैं। इसमें दो शौचालय हंै। एक शौचालय टूटा है और दूसरे में ताला पड़ा है। गंाव का देवी दयाल कहता है कि मास्टरों से कहा है लेकिन कोई कारवाही नहीं हुई।
ब्लाक तिन्दवारी, गांव छिरौंटा। यहां पूर्व माध्यमिक विद्यालय भाग एक में दो शौचालय हैं। दोनों गंदे हैं। दरवाजे और सीट टूटी हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग के जि़ला समन्वयक रमाशंकर मिश्रा बताते हैं कि 2006 के पहले सभी ग्राम पंचायतों ने स्कूलों में शौचालय बनवाया था। गांव ंका बजट दस हज़ार और शहर का चैबीस हजार था। जो शौचालय टूटे हैं उनकी लिस्ट डी.पी.आर.ओ. को भेज दी है।