पूर उत्तर प्रदेश मा 4 दिसम्बर से 10 दिसम्बर यहिके बनावै खातिर स्कूल,कालेज विभाग अउर संस्था के मड़ई शामिल रहैं।कत्तौ-कत्तौ बड़े-बड़े अधिकारिन से लड़ककियन अउर मेहरियन का सम्मानित कीन गा।
पै जहां एक तरफ नारी सुरक्षा सप्ताह मनावा जात रहै तौ दूसर कइती बांदा मा एक मेहरिया का मार के फांसी लगा दिहिस।राजापुर मा मेहरिया जल गें इं दुइ उदाहरण आहीं पै बुंदेलखंड मा पूर उत्तर प्रदेश मा आय दिन मेहरियन साथै अत्याचार होत हवैं तौ फेर सरकार कउनतान के नारी सुरक्षा के बात करत हवैं?
का सरकार इं दुइ नारा लिखवा के नारी सुरक्षा कइ सकत हवै ?सरकार कहत हवै कि लड़कियन अउर मेहरियन कउनतान आपन अधिकार मांग सकत हवै अउर पुलिस कउनतान उनकर सहयोग करी?सरकार कसत पुलिस के सहयोग के बात करत हवैं?हिंया तो पुलिस दरोगा बिना गाली दीने मेहरियन लड़कियन से बात नहीं करत आहीं?यहिकर ताजा उदाहरण हवै महोबा जिला के महोब कण्ठ का दरोगा एक लड़की का रिपोर्ट लिखावावै मा गाली देत रहै।का यहै आये नारी सुरक्षा अधिकार?का सरकार या अभियान चला के मेहरियन के साथ होय वाली हिंसा खतम कइ सकत हवै?या फिर पुलिस प्रशासन के ऊपर कार्यवाही कइ सकत हवैं?उत्तर प्रदेश के डीजीपी सुलखान सिंह कहीन कि अपराधन मा रोक लगावै खातिर पूर प्रदेश मा चौदह सौ अठ्ठाइस नये थाना खोले जइहैं।नये थाना के सरकार हिंसा कसत रोक सकत हवैं?सरकार का सोचै का चाही कि जबै तक मड़इन के सोंच न बदली तबै तक प्रदेश मा देश मा अपराध खतम होब मुश्किल हवै?सोच बदलै खातिर सरकार काहे नहीं कउ नौ अभियान चलावत आय?