16 फरवरी को पीएम मोदी के कार्यक्रम मन की बात में परीक्षा पर चर्चा देखने के लिए, कुल्लू के चेष्टा स्कूल में एलसीडी और इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण सभी छात्रों को स्कूल प्रबंध समिति के अध्यक्ष के घर ले जाया गया। वहां पर स्वर्ण जाति के बच्चों को अंदर बिठाया गया और दलित समाज से संबंध रखने वाले छात्रों को जानवरों और घोड़ों की लीद के बीच बिठाया गया था।
वहीं, इस घटना के चर्चा में आने के बाद एक वीडियो जारी हुआ जिसमें यह खुलासा हुआ है कि जाति विशेष के बच्चों को मिड–डे मील के रसोई घर में जाने पर भी रोक लगाई हुई है। इसी वीडियो में बच्चे एक व्यक्ति द्वारा धमकी देने की बात भी कह रहे हैं।
इस जातिगत भेदभाव मामले में प्रशासन ने रिपोर्ट सरकार और शिक्षा निदेशालय को भेज दी है और अब इस मामले में उपायुक्त कुल्लू ने पुलिस प्रशासन को भी रिपोर्ट भेजकर नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
पुलिस ने भी प्रशासन ने रिपोर्ट के आधार पर भुंतर थाना में स्कूल प्रशासन व एसएमसी अध्यक्ष के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
एक अंग्रेजी अख़बार के अनुसार, एएसपी कुल्लू निश्चिंत सिंह नेगी ने बताया कि मेजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने भुंतर थाने में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की दी है। उन्होंने कहा कि एट्रोसिटी एक्ट 3 आर के तहत स्कूल प्रशासन व एसएमसी अध्यक्ष के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन की जा रही है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से बच्चों के साथ जातिगत भेदभाव किया गया है, वह मामला एट्रोसिटी एक्ट की धारा 3 आर के तहत मामला कवर होता है इसलिए मामले में स्कूल प्रशासन और एसएमसी अध्यक्ष से पूछताछ के बाद जांच पूरी की जाएगी।
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