उत्तर प्रदेश के पिछड़े इलाके बुन्देलखण्ड में किसानो की आत्महत्या की घटनाएं घटने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में 28 मई 2013 को महुआ ब्लाक गांव माधौपुर मजरा गंगा पुरवा के कपूर राजपूत ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। फांसी लगाने का कारन परिवार वालो ने पांच लाख रूपये का कर्ज बताया है।
कपूर राजपूत का भाई जगदीश ने बताया-27 मई 2013 को मेरे भाई ने अपनी पहली लड़की संगीता की शादी कर बिदा किया है। शादी में गांव के लोग और रिश्तेदारों से ढ़ाई लाख रूपये का कर्ज लिया था। पिछले साल क्रेडिट कार्ड में इलाहाबाद उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक शाखा बड़ोखर बुजुर्ग से सवा दो लाख रूपये का कर्ज लिया था। उसके पास पांच बिगहा जमीन है। खेती में अरहर बोई थी। जिसमें पाला पड़ने से पूरी फसल खराब हो गई थी। लड़की बिदा करने के बाद कपूर राजपूत ने कर्ज की बात कहने लगा कि अब लोगों और बैंक का कर्ज कैसे भरेगा। चर्चा चल ही रही थी और वह सारे मेहमानों को खाना खिलाने के बाद सुबह चार बजे द्वार में लगे कहवा के पेड़ में फांसी लगाकर जान दे दी है।
इलाहाबाद उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक शाखा बड़ोखर बुजुर्ग का बैंक प्रबन्धक ने बताया कि सितम्बर 2011 में दो लाख पचास हजार रूपये का कर्ज क्रेडिट कार्ड में लिया था। बैंक की तरफ से कर्ज भरने का कोई दबाव नहीं था।
कर्ज़ में डूबे किसान ने की आत्महत्या
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