अगर देखा जाय तौ यहि समय आषा कार्यकर्ता कै हाल एक बधुआ मजदूर से बत्तर होय गै बाय। न तौ कउनौ वेतन न सरकारी सुविधा बाय उनकी तायि एक हजार के आबादी पै एक आषा कार्यकर्ता चैबिसौ घंटा एक वार्डर के सिपाही की तरह पहरा दिये का रहा थै। कहु गर्भवती महिला का अस्पताल पहुचावै का रहा थै। अउर हर महीना स्वास्थ्य जागरूकता पै दुई बैठक, रजिस्टर तैयार करे का रहा थै। यही प्रकार से बहुतै काम कराथिन। येतना करे बाद साल दुई साल बीत जाथै जौवन काम करे रहाथिन वहुकै भुगतान नाय होत बाय।
अबही फैजाबाद मा 26 दिसम्बर 2013 का ग्यारह ब्लाक कै आषा कार्यकर्ता अपने 16 मंाग का पूरा करै कै खातिर जिला अधिकारी का ज्ञापन सौपिंन। वहीं रोजगार सेवक, रोडवेज कर्मचारियों यतना धरना प्रदर्शन करा थिन लगातार हर बार की खानि कउनौ सुवाई नाय हुअत। जब सरकार सरकारी कर्मचारीन का कउनौ सुविधा ना दे तौ वकै असर जनता पै होये। ये तौ उहै दषा बाय कि मेहनत करै सरकारी कर्मचारी लाभ पावै सरकार आखिर कब तक यहि तरहा से सरकारी कर्मचारीन कै शोषण होत रहें? अउर जनता पै असर पड़त रहे। आखिर कब ध्यान दे सरकार?
कब तक होये सरकारी कर्मचारी कै षोषण
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