जिला वाराणसी, ब्लाक हरहुआ गोसाईपुर मोहाव। इहां के चकरोड पर एक साल से माटी फेंक के छुटल हव। इ चकरोड से करीब दस घर के लोग के आवे जाए के रहला।
निर्मला, सावित्रर, रीता, मुनी इ सब लोगन के कहब हव कि चकरोड पर खड़ण्जा नाहीं हव। जेसे हमने के आवे जाए में बहुत परेशानी होला। अगर चकरोड पर खड़ण्जा बिछ जात त इ परेशानी दूर हो जात। रात बिरात इ चकरोड पर आवे जाए मे डर लगल करला। एतना ज्यादा घास हव कि किधसर से आवल जाय समझ में नाहीं आवत।
अगर थोड़ा से भी पानी बरसला त ढेर सारा किचड़ हो जाला। लइकी लइकन त गिर ही जालन। बड़ा लोग भी गिर जालन। प्रधान से कहायल त प्रधान कहलन कि दिसम्बर तक बिछ जाई लेकिन अभहीं तक नाहीं बिछल हव।
प्रधान भोनू यादव के कहब हव कि जब साठ प्रतिशत कच्चा काम हो जाई तब चालीस प्रतिशत पक्का काम मिली। एही से देरी होत हव। लेकिन अब लगभग मार्च अप्रैल तक बिछ जाई।
कब तक जाए के पड़ी डाढ़े से
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