एक नाबालिग लड़की के गायब होने से लेकर हत्या होने से लेकर अब तक आठ महीने बीत चुके हैं, मामला कोर्ट में चल रहा है। डी.एन.ए. जांच होनी है। थाने से मिली जानकारी के अनुसार कम से कम दो महीने लगेंगे जांच रिपोर्ट आने में।
जिला फैजाबाद, ब्लाक तारुन, गांव नसरतपुर। यहां की सुनीता नाम की लड़की का 14 अप्रैल को अपहरण हो गया। छह महीने बाद लड़की की लाश 3 सिंतबर को लखनऊ में मिली। लड़की के गायब होने के चार महीने बाद 27 अगस्त को रिपोर्ट लिखी गई। अब मुकदमा चल रहा है, हर दसवें पंद्रहवें दिन तारीख पड़ती है। आरोपी पक्ष से अदालत में कोई हाजि़र नहीं होता।
सुनीता की मां सूरसती ने बताया कि चार महीने तक किसी ने हमारी रिपोर्ट दर्ज नहीं की। बाद में एस.पी. के आदेश के बाद रिपोर्ट दर्ज हुई। 504 (गाली गलौज) 365 धमकी और 506 (वादिनी को गुप्त स्थान पर छिपाने) और धारा 364 (किसी तरह बहला फुसला कर लड़की को ले जाना) की धारा लगी हैं। हमें पता है कि लड़की कौन ले गया था। लड़की की हत्या हो गई है, यह पुलिस को पता है। लेकिन अब कह रहे हैं कि डी.एन.ए. रिपोर्ट आने के बाद यह तय होगा कि वह हमारी लड़की है या नहीं। हत्या की रिपोर्ट दर्ज नहीं है। थाने से मिली जानकारी के अनुसार डी.एन.ए. रिपोर्ट आने में कम से कम दो महीने लगेंगे। लड़की की पहचान के लिए यह टेस्ट किया जा रहा है। महिला थाना की महिला संरक्षक किरन ने बाताया कि कोर्ट से फैसला होगा।
महिला हिंसा के खिलाफ काम करने वाली संस्था वनांगना की अवधेश गुप्ता बताती हैं कि 16 दिसंबर 2012 की घटना के बाद थाने में रिपोर्ट दर्ज होने के आंकड़े तो बढ़े हैं। वजह कुछ भी हो जागरुकता बढ़ी है या फिर पुुलिस के ऊपर दबाव बढ़ा है। लेकिन न्याय मिलने की प्रक्रिया आज भी लंबी और कानूनी दांव पेंच में उलझाने वाली है। पर थाने में महिलाओं के साथ पुलिस का रवैया और नज़रिया वैसा ही है।